A Simple Key For हिंदी कहानी मजेदार Unveiled

हिंदी कहानियां लिखी हुई

खरगोश को देखकर सिंह ने क्रोध से लाल-लाल आँखे करके गरजकर कहा- ”अरे खरगोश, एक तो तू छोटा हैं और इतनी देर लगाकर आया हैं, आज तुझे मारकर कल जंगल के सारे पशुओ की जान ले लूँगा.

घने और लम्बे बाल भुजाओं पर बिखर गये.उस नवयुवक की पत्नी बोली- स्वामी ये आपकी बेटी हैं, आपके चले जाने के बाद दुनिया की नजरो से बचाने के लिए मैंने इसका एक बेटे की तरह पालन-पोषण किया.

गुरुकुल शिक्षा प्रणाली थी और छात्र गुरुकुल में ही रहकर पढ़ते थे. उन्हीं दिनों की बात है.

इन सब बातों का उमा पर कोई असर नही था. जैसे ही बया कोई घौसला बनाती वह उन्हें फिर से गिराकर स्वयं को आनन्दित महसूस करती, मगर बया भी कहाँ हार मानने वाली थी.

यह क्या कठिन हैं दोनों को नदी में नहलाने ले जाओं जो आगे नदी में घुसे वही माँ हैं और जो पीछे पीछे चले वही बेटी हैं.

चाहे कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो उन्हें बुद्दि के बल पर पराजित किया जा सकता हैं- लीजिए शुरू करते हैं यह बच्चो के लिए शिक्षाप्रद कहानी-

इतना कहने के पश्चात जब माँ रसोईघर में खाना बनाने के लिए निकल गई तो उमा को एक शरारत सूझी उसने एक लम्बा डिंडा लेकर बया के उस घौसले को पेड़ से गिरा दिया.

किन्तु मृत्य के भय से उनके पैर नही उठ रहे थे, मौत की घड़ियों को कुछ समय टालने के लिए इधर-उधर भटकता रहा.

महात्मा जी ने कहा- भूमि का निर्णय तो हो ही जाएगा. वह कही भागे थोड़ी ही जा रही हैं. पहले भोजन हो जाए, ताकि मन मस्तिष्क ठिकाने आ जाए.

श्रीकृष्ण ने उन्हें प्रकट रूप में कुछ नहीं दिया.

संत महात्मा तो स्वभाव से ही दयालु एवंम परोपकारी होते हैं. सदैव सबका ही भला चाहते हैं.

तभी अचानक एक की नजर एक छिक्के पर गईं, और उस पड़े छिक्के को उठा लिया.

और पशुओ के खून से सारे जंगल को सींच देगा. उसी समय खरगोश उनके पास पहुच गया और प्रणाम करके बैठ गया.

प्रजापति की बात सुनकर दोनों परेशान हुए, एक दूसरे का मुह ताकने लगे. समस्या यह थी कि खाएं तो कैसे खाएं?

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